- स्पेशल रिपोर्ट
धारा 370 हटने के बाद से घाटी में काफी तनाव की स्थिति बनी हुई है. पूरा कश्मीर लॉकडाउन है और इन्टरनेट अभी तक पूरे ढंग से बहाल नहीं हुआ है. हाल फिलहाल में ही कश्मीर के तीन पत्रकारों पर UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) लगाया गया है. गौहर गिलानी, पीरज़ादा आशिक और मसरत ज़हरा पर केंद्र सरकार ने UAPA लगाया है.
ऐसे तनाव की स्थिति में मीडिया का सबसे बड़ा सम्मान पुलित्ज़र अवार्ड से कश्मीर के तीन पत्रकारों को नवाज़ा गया है. ये तीनों जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद के हालातों को अपने कैमरे में कैद कर लोगों तक पहुंचाने वाले यासीन डार, मुख्तार खान और चन्नी आनंद को पुलित्जर फीचर फोटोग्राफी पुरस्कार मिला है. यह तीनों न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के लिए काम करते हैं.
आनंद जम्मू में रहते हैं जबिक यासिन और मुख्तार श्रीनगर के निवासी हैं. चन्नू आनंद पिछले 20 सालों से एपी के साथ काम कर रहे हैं. देर रात इन प्रतिष्ठित पुरस्कारों की घोषणा हुई। इन तीनों ने घाटी के सामान्य जनजीवन के साथ ही प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों की तस्वीरों को भी दुनिया तक पहुंचाया.
पुरस्कार जीतने पर आनंद ने कहा, 'मैं आश्चर्यचकित हूं. मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है.'
(प्रतीतात्मक तस्वीर. स्रोत- रायटर्स)
धारा 370 हटने के बाद से घाटी में काफी तनाव की स्थिति बनी हुई है. पूरा कश्मीर लॉकडाउन है और इन्टरनेट अभी तक पूरे ढंग से बहाल नहीं हुआ है. हाल फिलहाल में ही कश्मीर के तीन पत्रकारों पर UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) लगाया गया है. गौहर गिलानी, पीरज़ादा आशिक और मसरत ज़हरा पर केंद्र सरकार ने UAPA लगाया है.
ऐसे तनाव की स्थिति में मीडिया का सबसे बड़ा सम्मान पुलित्ज़र अवार्ड से कश्मीर के तीन पत्रकारों को नवाज़ा गया है. ये तीनों जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं. जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद के हालातों को अपने कैमरे में कैद कर लोगों तक पहुंचाने वाले यासीन डार, मुख्तार खान और चन्नी आनंद को पुलित्जर फीचर फोटोग्राफी पुरस्कार मिला है. यह तीनों न्यूज एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (एपी) के लिए काम करते हैं.
पुरस्कार जीतने पर आनंद ने कहा, 'मैं आश्चर्यचकित हूं. मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा है.'



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