क्या नेहरु की मौत सेक्सुअल ट्रांसमिटेड बीमारी से हुई थी? पढ़िए आईटी सेल का एक और झूठ.



"जब तक आपके पास संयम और धैर्य नहीं हैं, तब तक आपके सपने राख में मिलते रहेंगे." यह कथन उस भले प्रधानमंत्री की है जिसका नाम आज भी सब बड़े प्रेम और इज़्ज़त से लेते है, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू. आज उनकी 56वीं पुण्यतिथि है और इस मौके पर पीएम मोदी से लेकर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है.


इतिहास एक दिन में नहीं बनता, लेकिन किसी एक दिन की बड़ी घटना इतिहास में एक बड़ा मोड़ ले आती है. वैसे ही आज 27 मई का यह दिन कहने को तो साल के बाकी दिनों की तरह एक साधारण सा 24 घंटे का दिन ही है, लेकिन इस दिन के नाम पर इतिहास की कई बड़ी घटनाएं दर्ज हैं. भारत के इतिहास की बात करें तो देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का निधन आज ही के दिन हुआ था. पंडित नेहरू ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महान सेनानी थे. वह लोकतंत्र, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद में विश्वास रखते थे, और साल 1955 में पंडित नेहरू को भारत के सर्वोच्‍च नागरिक सम्‍मान भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. पंडित नेहरू ने देश की कमान तब संभाली, जब देश भुखमरी, गरीबी और अशिक्षा जैसी महामारी की स्थिति से गुजर रहा था.

आजादी के बाद देश को विकास पथ पर लाने के लिए उन्‍होंने योजना आयोग (Planning Commission) का गठन किया, कर उनकी ही नीतियों के वजह से आज देश में कृषि और उद्योग है. पंडित नेहरू को आधुनिक भारत का रचयिता कहते क्योंकि उन्‍होंने ही देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के विकास को प्रोत्साहित किया.



अगर हम खबरों पे जाएं तो हमे देखने को मिलेगा की पंडित नेहरू की अलग-अलग महिलाओं के साथ कई तस्वीरें वायरल की जा रही हैं. लिखा जा रहा है कि 'इतना बड़ा ठरकी आदमी बच्चों का आदर्श कैसे हो सकता है. इसको आदर्श बनाकर हम अपने बच्चों को क्या सिखाना चाहते हैं?'  दरअसल इन तस्वीरों के पीछे सचाई तो यह है कि यह फोटोज अक्सर पंडित नेहरू को निशाने पर लेते हुए गलत दावे के साथ शेयर की जाती हैं, वास्तव में यह तस्वीर में जो महिला है वह उनकी भतीजी नयनतारा सहगल है. आये दिन हम कई फेक न्यूज़ का सामना करते है, कई ऐसी न्यूज़ से गुजरते है जिसकी वास्तव में सच्चाई कुछ और होती है.

नेहरू के खिलाफ इतना ज्यादा झूठ फैलाया गया है कि पूछिए मत. आप नेहरू के बारे में पढ़ने के लिए अगर गूगल पर जाइएगा तब देखने को मिलेगी. आधी से ज्यादा चीजें फर्जी मिलेंगी, जैसे नेहरू अय्याश थे, लड़कीबाज थे, औरतखोर थे, और ना जाने क्या-क्या. इनमें से एक किस्सा नेहरू की मौत का भी है. 



कहते हैं कि नेहरू की मौत किसी सेक्शुअली ट्रांसमिटेड डिज़ीज़ (STD) से हुई थी, क्योंकि उनका नाम बहुत औरतों के साथ जुड़ा रहता था. परंतु असल कारण तो यह बताया गया था कि 74 साल की उम्र में चल बसे नेहरू जी की मौत हार्ट अटैक से हुई थी. दुनिया का कोई ऐसा बड़ा अखबार नहीं था, जिसने नेहरू की मौत को रिपोर्ट न किया हो. लेकिन किसी भी अखबार में हम डॉक्टरों का ये बयान नहीं पाते कि मौत का कारण सिफलिस या कोई और STD थी. यही वजह है लोगों मनघड़न्त कहानियां बनानी शुरू कर दी और यह फेक न्यूज़ का रूप ले लिया.

इतिहास में कुछ ही राजनेताओं ने जवाहरलाल नेहरू जितनी प्रशंसा और घृणा प्राप्त की होगी. अपनी मृत्यु के पांच दशक बाद भी, भारत के पहले प्रधानमंत्री सर्वोच्च राजनीतिक व्यक्तित्व के साथ-साथ, विशेष रूप से सोशल मीडिया में, दुष्प्रचार का भी मुख्य निशाना बने हुए हैं. इन सब के बावजूद उन्हें हम सराहते है क्योंकि नेहरू जी ने अपने जाने के बाद अपने पीछे एक शक्तिशाली विरासत छोड़ी है. उनके बदौलत और उनके विजन ने ही हमें एक संपन्न लोकतंत्र दिया है हमें विकास की दिशा में आगे बढ़ने में मदद मिली है.

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